जम्मू-कश्मीर: हैदरपोरा कब्रिस्तान से गिलानी का शव निकालने के इनपुट, कई इलाकों में लगी पाबंदियां !
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को कहा कि अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के बेटे अपने पिता के शव को रात में दफनाने के लिए तैयार हो गए थे लेकिन बाद में उन्होंने अपना मन बदल लिया। गिलानी को जबरन दफनाने के आरोप पर आलोचना का शिकार हो रहे जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अब बताया है कि उसके अधिकारियों को शव को दफनाने से पहले गिलानी के घर पर तीन घंटे इंतजार करना पड़ा था।
पुलिस प्रवक्ता ने सिलसिलेवार ट्वीट के जरिए यह बताया कि इंस्पेक्टर जनरल विजय कुमार 1 सितंबर को गिलानी के बेटों नईम गिलानी और नसीम गिलानी से उनके आवास पर रात 11 बजे मिले थे और उनसे निवेदन किया था कि कानून व्यवस्था बिगड़ने से बचने के लिए गिलानी का शव रात में ही दफना दिया जाए।
पुलिस प्रवक्ता ने कहा, ‘गिलानी की मौत के बाद कश्मीर आईजीपी विजय कुमार एसपी और एएसपी के साथ उनके घर गए और रात 11 बजे उनके बेटों से मुलाकात की। आईजी ने गिलानी के बेटों से शव को रात में ही दफनाने को कहा ताकि कानून व्यवस्था बनी रह सके। दोनों बेटे इसको लेकर मान भी गए और पुलिस से दो घंटा रुकने को कहा ताकि कुछ रिश्तेदार पहुंच सकें।’
पुलिस ने बताया कि इसके बाद तीन घंटे इंतजार किया गया और फिर शायद पाकिस्तान और असामाजिक तत्वों के दबाव में गिलानी का परिवार अजीब व्यवहार करने लगा। वहां पाकिस्तान के पक्ष में नारे तक लगने लगे और गिलानी के शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया। इसके बाद शव को पास के कब्रिस्तान में स्थानीय इमाम की मौजूदगी में दफनाया गया।
सैयद अली शाह गिलानी का बीते बुधवार को 91 साल की उम्र में निधन हो गया था। गिलानी के शव को हैदरपुरा के कब्रिस्तान में दफनाया गया। गिलानी के परिवार का आरोप था कि पुलिस ने जबरन उनका शव छीना और दफनाया।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गिलानी के शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटने और उनके घर पर कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाने को लेकर कड़े गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम (यूएपीए) कानून के तहत मामला दर्ज किया है।