3 करोड़ के घोटाले से हिली सरकार – शिक्षा मंत्री बोले, दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा!
देहरादून, 06 सितंबर 2025
पीएम-पोषण योजना में घोटाले की जांच अब एसआईटी करेगी
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दी जांच को मंजूरी, दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
प्रधानमंत्री पोषण योजना (मिड-डे मील) और शक्ति निर्माण योजना में हुए करोड़ों के घोटाले की जांच अब एसआईटी (विशेष जांच टीम) को सौंप दी गई है। इस जांच को राज्य के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मंजूरी दे दी है।
करीब दो महीने पहले देहरादून के पीएम-पोषण प्रकोष्ठ में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत सामने आई थी। विभागीय जांच में पाया गया कि उपनल (राज्य की सेवा संस्था) के माध्यम से तैनात एक कार्मिक ने सीधे तौर पर गबन किया है, जबकि संबंधित अधिकारियों की लापरवाही भी उजागर हुई है।
इस घोटाले में करीब 3 करोड़ 18 लाख रुपये की सरकारी राशि का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी नवीन सिंह रावत, जो उपनल से नियुक्त एमआईएस समन्वयक थे, ने अपने तकनीकी ज्ञान का दुरुपयोग करते हुए 2023-24 से 2025-26 के बीच यह राशि अलग-अलग अज्ञात बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर की।
जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी के अलावा किसी और कर्मचारी की प्रत्यक्ष भूमिका तो नहीं मिली है, लेकिन इस दौरान कार्यरत करीब आधा दर्जन जिला शिक्षा अधिकारी(बेसिक) और वित्त एवं लेखा अधिकारी जांच के घेरे में हैं। इन अधिकारियों ने अपने दायित्वों का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया, जिससे इतनी बड़ी गड़बड़ी हो सकी। इनके खिलाफ उत्तराखंड सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. रावत ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। भविष्य में ऐसे घोटाले दोबारा न हों, इसके लिए उन्होंने निर्देश दिए हैं कि वित्तीय और गोपनीय कार्यों की जिम्मेदारी सिर्फ भरोसेमंद और स्थायी कर्मचारियों को ही दी जाए।
