जब नारी होगी स्वस्थ, तभी परिवार होगा सशक्त!

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देहरादून, 22 सितम्बर 2025

“स्वस्थ नारी–सशक्त परिवार” अभियान: उत्तराखंड में महिला स्वास्थ्य और सशक्तिकरण की बड़ी पहल

7,500 से ज्यादा शिविरों में 3.5 लाख से अधिक लोगों को मिला लाभ

उत्तराखंड में 17 सितम्बर (प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन) से 2 अक्टूबर (महात्मा गांधी जयंती) तक “स्वस्थ नारी–सशक्त परिवार” नाम से एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री श्री धन सिंह रावत के नेतृत्व में चलाया जा रहा है। इसका मकसद महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना और उन्हें जागरूक व सशक्त बनाना है।


अभियान की मुख्य बातें:

  • अब तक 7,547 स्वास्थ्य शिविर पूरे उत्तराखंड में लगाए जा चुके हैं, जिनमें से 206 विशेषज्ञ डॉक्टरों के शिविर थे।
  • इन शिविरों से 3,46,956 लोगों को लाभ मिला है, जिनमें 2,12,168 महिलाएं और 1,34,788 पुरुष शामिल हैं।

सिर्फ 22 सितम्बर, 2025 को ही राज्य भर में 1,487 शिविर लगाए गए, जिनमें 29 विशेषज्ञ शिविर भी थे।


क्या-क्या किया जा रहा है इन शिविरों में:

  1. महिला और किशोरियों के लिए स्वास्थ्य और जागरूकता सत्र
  2. टीबी, एनीमिया, मधुमेह, ब्लड प्रेशर और कैंसर की जांच
  3. मुफ्त दवाइयों का वितरण
  4. प्रेग्नेंट महिलाओं की एएनसी (ANC) जांच
  5. बच्चों को टीके लगाना
  6. पोषण और स्वच्छता से जुड़ी सलाह
  7. रक्तदान शिविर और ई-रक्तकोश में रजिस्ट्रेशन
  8. निक्षय मित्र के रूप में पंजीकरण (टीबी रोगियों को मदद के लिए)

अब तक मिली उपलब्धियाँ (कुछ आंकड़े):

जांच/सेवा पुरुष लाभार्थी महिला लाभार्थी
उच्च रक्तचाप (BP) जांच 79,040 1,07,896
मधुमेह (Diabetes) जांच 69,632 1,03,818
कैंसर जांच (मुख, ग्रीवा, स्तन) 43,240 1,29,998
एनीमिया जांच 8,581 56,738
टीबी जांच (निक्षय पोर्टल) 26,298 38,029
ANC जांच (गर्भवती महिलाएं) 39,748
बच्चों को टीकाकरण 27,612 (लड़के) 32,990 (लड़कियां)
काउंसलिंग/सलाह 65,735 1,10,562
आयुष्मान भारत कार्ड बनाए गए 2,586 4,283
रक्तदाता पंजीकरण (ई-रक्तकोश) 38,310
रक्त इकाइयाँ एकत्र की गईं 5,059 यूनिट
निक्षय मित्र पंजीकरण 2,086 1,635
सिकल सेल रोग की स्क्रीनिंग कुल 43 लोग, 15 को कार्ड दिए गए

संस्थाओं का सहयोग भी मिल रहा है

इस अभियान में सरकारी संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों और कुछ निजी संगठनों ने भी भाग लिया है। अब तक ऐसे 8 विशेषज्ञ शिविर लगाए गए हैं, जिनमें 671 पुरुषों और 1,255 महिलाओं ने जांच व इलाज की सुविधाएं ली हैं।


निष्कर्ष:

“स्वस्थ नारी–सशक्त परिवार” केवल एक स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं है, यह एक जनआंदोलन बन चुका है जो महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, जागरूकता और आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रहा है। उत्तराखंड इस अभियान से महिला सशक्तिकरण में एक मिसाल कायम कर रहा है।

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