प्रधानाचार्य भर्ती के पक्ष में उतरे शिक्षक, शिक्षक संघ के आंदोलन को बताया भटकाव भरा।
देहरादून, 28 सितंबर 2025
उत्तराखंड में राजकीय शिक्षक संघ के आंदोलन को लेकर शिक्षकों के बीच मतभेद साफ दिखने लगे हैं। प्रधानाचार्य भर्ती के समर्थक शिक्षकों ने रविवार को देहरादून प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता कर शिक्षक संघ पर गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि वर्तमान हालात में विभागीय भर्ती बहुत जरूरी है।
शिक्षकों की मुख्य बातें:
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राज्य के इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के करीब 85% पद खाली हैं।
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केवल पदोन्नति के जरिये इन पदों को भरना असंभव है।
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सरकार ने 50% पद सीमित विभागीय पदोन्नति परीक्षा के माध्यम से भरने का निर्णय लिया है, जो सही कदम है।
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शिक्षक संघ केवल एक मुद्दे पर अड़ा है जबकि 34 मांगें लंबित हैं।
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उन्होंने दावा किया कि संघ का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और अब इसे गैरकानूनी तरीके से चलाया जा रहा है।
आंकड़ों के अनुसार:
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इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के 1385 स्वीकृत पद हैं।
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हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापक के 910 पद हैं।
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फीडर कैडर (अधीनस्थ शिक्षक पद) में 475 पद कम हैं, जिससे पदोन्नति से सभी पद भरना संभव नहीं है।
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हाईस्कूल प्रधानाध्यापक का पद खुद एक पदोन्नति पद है, वह इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य पद के लिए सीधे पात्र नहीं होता।
समस्या का असर:
शिक्षकों ने कहा कि वर्षों से प्रधानाचार्य के पद खाली होने की वजह से विद्यालयों में स्थायी नेतृत्व नहीं है, जिससे छात्रों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है।
समर्थन और आगे की योजना:
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विभागीय परीक्षा को 30 विधायकों का समर्थन मिला है और उन्होंने मुख्यमंत्री को समर्थन पत्र भी भेजे हैं।
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2 अक्टूबर को भर्ती समर्थक शिक्षक परीक्षा के समर्थन में रक्तदान, 1 घंटे का उपवास, और सोशल मीडिया अभियान चलाएंगे।
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7 अक्टूबर को इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय का फैसला आने की उम्मीद है।
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इस वजह से 5 अक्टूबर को श्रीनगर में प्रस्तावित प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया है।
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अगर परीक्षा रद्द हुई तो 9 अक्टूबर को शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया जाएगा।
