देहरादून में आज राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक की अध्यक्षता राज्य के विद्यालयी और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने की।
छात्रों को मिलेंगे कई नए विकल्प
डॉ. रावत ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत छात्र अब अपनी पसंद के विषय चुन सकेंगे। इसके अलावा, उन्हें किसी भी समय पढ़ाई शुरू करने और छोड़ने (Multiple Entry-Exit) का विकल्प भी मिलेगा। इससे वे अपनी सुविधा के अनुसार पढ़ाई को जारी रख सकेंगे।
क्या-क्या मिलेगा छात्रों को?
नई शिक्षा नीति के अनुसार छात्रों को:
कौशल विकास (Skill Development)
भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़ी पढ़ाई
ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (Open Distance Learning)
इंडस्ट्री और शिक्षा संस्थानों के बीच सहयोग (Academia-Industry Collaboration)
अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सहयोग (Internationalization) जैसे अवसर मिलेंगे।
नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के तहत होगा पाठ्यक्रम तैयार
सभी शिक्षा विभागों को National Credit Framework (NCF) के तहत नए पाठ्यक्रम तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि छात्रों को लचीली और आधुनिक शिक्षा मिल सके।
तकनीकी और पारंपरिक विषयों को भी शामिल किया जाएगा
डॉ. रावत ने कहा कि छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम में आधुनिक तकनीकी विषय जैसे:
इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) टेक्नोलॉजी
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT)
डेटा एनालिसिस
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)
एंटरप्रेन्योरशिप (Entrepreneurship)
जैसे विषय जोड़े जाएंगे। साथ ही भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़े विषय जैसे:
ज्योतिष
योग
आयुर्वेद
वास्तु
कृषि
वानिकी भी पढ़ाई में शामिल होंगे।
विभागों ने दी अपनी प्रेजेंटेशन
बैठक में उच्च शिक्षा विभाग ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से NEP-2020 के तहत किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। इसमें पाठ्यक्रम सुधार, डिजिटल इनिशिएटिव, कौशल विकास, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, और ओपन डिस्टेंस लर्निंग जैसे विषयों पर जानकारी दी गई।
इसके अलावा विद्यालयी शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और कृषि शिक्षा विभागों ने भी अपने-अपने पाठ्यक्रमों की स्थिति पर रिपोर्ट दी।
बैठक में कौन-कौन रहा मौजूद?
बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी और विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल रहे, जिनमें प्रमुख रूप से:
मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन
सचिव उच्च शिक्षा डॉ. रणजीत सिन्हा
सचिव वित्त वी. षणमुगम
सचिव कृषि एस.एन. पाण्डेय
कुलपति कुमाऊं, श्रीदेव सुमन, दून, भरसार, संस्कृत और मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति
महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा दीप्ति सिंह
तकनीकी, संस्कृत और SCERT के निदेशक
इस तरह की बैठकों से साफ है कि सरकार नई शिक्षा नीति को गंभीरता से लागू कर रही है और छात्रों को बेहतर और लचीली शिक्षा देने की दिशा में आगे बढ़ रही है।