सच्ची शिक्षा वही है जो आपको जिम्मेदार नागरिक बनाए – कुलपति प्रो. डॉ. कुमुद सकलानी का प्रेरक संदेश!

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देहरादून। शिक्षा केवल डिग्री तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की कला और संस्कारों का आधार है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) में सोमवार को सत्र 2025 के लिए ज्ञानयात्रा (दीक्षारंभ कार्यक्रम) का शुभारंभ हुआ।

कार्यक्रम का उद्देश्य यह था कि नए छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय जीवन की शुरुआत के साथ सही दिशा, मार्गदर्शन और प्रेरणा मिले। देशभर से आए नवप्रवेशी विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक शपथ ली कि वे न केवल अपनी पढ़ाई में श्रेष्ठ बनेंगे, बल्कि समाज और राष्ट्र की प्रगति में भी सार्थक भूमिका निभाएँगे।

दो दिवसीय कार्यक्रम में भव्यता और उत्साह

यह कार्यक्रम 18 और 19 अगस्त को आयोजित किया जा रहा है। पहले दिन विद्यार्थियों का गर्मजोशी से स्वागत हुआ और अलग-अलग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने माहौल को जीवंत बना दिया। बॉलीवुड, पंजाबी, गढ़वाली और नेपाली गीतों पर शानदार नृत्य प्रस्तुतियाँ हुईं। हाईवोल्टेज साउंड और रंगारंग कार्यक्रमों ने सभी का मन मोह लिया।

प्रेरक संदेश और मार्गदर्शन

  • विश्वविद्यालय के माननीय प्रेसिडेंट श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने अपने संदेश में कहा – “सच्ची शिक्षा वही है जो केवल प्रोफेशनल ही नहीं, बल्कि समाजसेवी और चरित्रवान नागरिक भी बनाए।” उन्होंने सभी विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।

  • विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. (डॉ.) कुमुद सकलानी ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा – “जीवन में सफलता पाने का कोई शॉर्टकट नहीं है। बड़े सपने देखिए और उन्हें पूरा करने के लिए निरंतर मेहनत कीजिए।”

  • प्रो. डॉ. शोभित गर्ग (विभागाध्यक्ष, मनोचिकित्सा विभाग) ने तनाव प्रबंधन और पढ़ाई के दौरान मानसिक संतुलन बनाए रखने के उपयोगी टिप्स दिए।

विश्वविद्यालय का परिचय और मार्गदर्शन

कार्यक्रम के दौरान छात्रों को विश्वविद्यालय और उसकी गतिविधियों से परिचित कराने के लिए 17 मिनट की वीडियो प्रस्तुति दिखाई गई। इसमें एसजीआरआर समूह की उपलब्धियों और सुविधाओं की जानकारी दी गई।
साथ ही परीक्षा नियंत्रक प्रो. संजय शर्मा पोखरियाल ने छात्रों को परीक्षा प्रणाली, परिणाम और डिग्री से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा कीं।

सांस्कृतिक रंग और ऊर्जा

सीनियर छात्रों ने योग पर आधारित नृत्य, नृत्य-नाटिका और गीत-संगीत की प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया। बॉलीवुड और क्षेत्रीय गीतों की धुनों पर तालियाँ गूंज उठीं।

समापन

कार्यक्रम का समापन संयोजक प्रो. डॉ. मालविका कांडपाल के धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, छात्र-छात्राएँ और पदाधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

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