उत्तराखंड सरकार बुज़ुर्ग महिलाओं के लिए बनाएगी नई नीति!

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13 जिलों में होगी सीधी बातचीत, स्वास्थ्य, आर्थिक और सामाजिक समस्याओं पर होगा फोकस

देहरादून | 8 अक्टूबर 2025

उत्तराखंड सरकार का महिला एवं बाल विकास विभाग (WECD) राज्य की बुज़ुर्ग महिलाओं की समस्याओं को समझने और उनके समाधान के लिए एक नई नीति तैयार करने जा रहा है। इसके लिए विभाग राज्य के 13 जिलों में रहने वाली वृद्ध महिलाओं से सीधी बातचीत करेगा।


किन महिलाओं से होगा संवाद?

यह संवाद मुख्य रूप से ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में रहने वाली बुज़ुर्ग महिलाओं से किया जाएगा।
सरकार का खास ध्यान उन महिलाओं पर है जो:

  • अकेली रह रही हैं।
  • आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
  • किसी बीमारी या स्वास्थ्य समस्या से जूझ रही हैं।

कहाँ और कैसे होगी बातचीत?

  • यह संवाद कार्यक्रम गांव और ज़िला स्तर पर किया जाएगा।
  • दुर्गम और दूर-दराज इलाकों में भी बैठकें (मीटिंग्स) आयोजित होंगी ताकि हर वर्ग की महिलाओं की आवाज़ सुनी जा सके।
  • इन बैठकों में सरकारी अधिकारी और NGO प्रतिनिधि भी भाग लेंगे।

बातचीत में किन समस्याओं पर रहेगा ज़ोर?

सरकार यह जानना चाहती है कि वृद्ध महिलाओं को किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। प्रमुख मुद्दे निम्नलिखित हैं:

1. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ

  • इलाज की सुविधा का अभाव।
  • पोषण की कमी।
  • नियमित देखभाल और दवाइयों की जरूरत।

2. आर्थिक परेशानियाँ

  • कोई स्थायी आमदनी न होना।
  • वृद्धावस्था पेंशन या सरकारी सहायता का न मिलना।
  • दैनिक जीवन के खर्च पूरे न हो पाना।

3. सामाजिक और भावनात्मक स्थिति

  • अकेलापन और मानसिक तनाव।
  • परिवार से दूरी या सहयोग की कमी।
  • समाज में उपेक्षा और अलगाव।

सरकार क्या करेगी इस बातचीत के बाद?

इन संवादों के आधार पर सरकार एक नई नीति बनाएगी जो वृद्ध महिलाओं की ज़रूरतों को सीधे संबोधित करेगी। इस नीति में शामिल हो सकते हैं:

  • बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और पोषण योजनाएं।
  • वृद्धावस्था पेंशन, आश्रय-घर और देखभाल सेवाओं का विस्तार।
  • आत्मनिर्भरता के लिए प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर, ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।

किन क्षेत्रों पर दिया जाएगा विशेष ध्यान?

  • पहाड़ी और दूर-दराज के गाँव, जहाँ सरकारी योजनाएँ पहुंच नहीं पातीं।
  • वे महिलाएँ जो सामाजिक, आर्थिक या स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद असहाय हैं।

निष्कर्ष :

उत्तराखंड सरकार का यह कदम न सिर्फ एक सामाजिक पहल है, बल्कि सम्मानजनक बुज़ुर्ग जीवन की ओर एक सशक्त प्रयास भी है।
यह नीति बुज़ुर्ग महिलाओं को सम्मान, सुरक्षा और सहयोग के साथ जीवन जीने में मदद करेगी और राज्य में सशक्त वृद्धजन नीति की नींव रखेगी।

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