तालिबान सरकार को मान्यता देने की हड़बड़ी में नहीं है अमेरिका : व्हाइट हाउस

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Human Rights news24
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वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका अफगानिस्तान में नयी अंतरिम सरकार को मान्यता देने की हड़बड़ी में नहीं है और वह अपने नागरिकों को संकटग्रस्त देश से निकालने के लिए तालिबान से बातचीत कर रहा है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा,‘‘ इस प्रशासन से कोई नहीं, न तो राष्ट्रपति और न ही राष्ट्रीय सुरक्षा दल से कोई यह मानेगा कि तालिबान वैश्विक समुदाय का सम्मानित एवं महत्त्वपूर्ण सदस्य है। उन्होंने किसी भी तरह से अपनी साख ऐसी नहीं बनाई है और न ही हमने ऐसा कभी कहा है। यह कार्यवाहक मंत्रिमंडल है जिसमें जेल भेजे जा चुके चार तालिबान लड़ाके भी शामिल हैं।’’

उन्होंने कहा कि प्रशासन ने उसको मान्यता नहीं दी है। साकी ने कहा, “हमने यह नहीं कहा है कि हम इसे मान्यता देंगे और न ही हमें मान्यता देने की कोई जल्दबाजी है। हम अमेरिकी नागरिकों, वैध स्थायी निवासियों, एसआईवी आवेदकों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए उनसे बातचीत कर रहे हैं क्योंकि फिलहाल अफगानिस्तान पर उनका नियंत्रण है। हमें उनसे बातचीत करनी ही होगी।”

साकी ने कहा, “लेकिन उनसे बातचीत करना–ऐसे में जब उनका नया कार्यवाहक मंत्री हक्कानी नेटवर्क का एक आतंकवादी है। वह बम विस्फोट के उस मामले में वांछित है जिसमें एक अमेरिकी समेत छह लोग मारे गए थे। समझा जाता है कि वह अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ सीमा-पार से होने वाले हमलों में शामिल रहा है। उस पर एक करोड़ डॉलर का इनाम है। तो हम बातचीत क्यों कर रहे हैं?’’ तालिबान की कट्टरपंथी अंतरिम सरकार में विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी सिराजुद्दीन हक्कानी अंतरिम मंत्री के तौर पर शामिल है।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा, “क्या हमें उन लोगों से बातचीत नहीं करनी चाहिए जिनका अफगानिस्तान पर नियंत्रण है और हमारे बचे हुए अमेरिकी नागरिकों को निकालने के लिए कुछ न करें?” उन्होंने दोहराया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय देख रहा है। साकी ने कहा, “अमेरिका देख रहा है कि वे वहां से निकलने के इच्छुक लोगों को देश से निकलने दे रहे हैं या नहीं, वे महिलाओं के साथ कैसे पेश आ रहे हैं, वह कैसा बर्ताव और काम कर रहे हैं। और, इसलिए हम मान्यता देने को लेकर हड़बड़ी में नहीं हैं।” साकी ने कहा, ‘‘साथ ही हमें यह सच्चाई भी देखनी है कि अमेरिकी नागरिकों और अन्य को देश से निकालने के लिए हमें उनके साथ काम करना ही पड़ेगा।”

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