ओलंपिक में शामिल हुईं महिला खिलाड़ियों के कपड़ों की विवाद, माजरा क्या है?

0
371

महिला खिलाड़ी चाहें छोटे कपड़े पहनें या पूरे बदन को ढकने वाले, लोगों को इतनी तिलमिलाहट क्यों हैं. इससे पहले कि आप कुछ सोचें हम बता दें कि इस बार की लड़ाई पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े पहनने को लेकर है. कई महिला खिलाड़ी जांघ से उपर रहने वाले कपड़े नहीं पहनना चाहती थीं. हुआं यूं कि इस बार कुछ महिला खिलाड़ी पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े पहनकर खेल के मैदान में उतरीं जो कुछ लोगों को अच्छा नहीं लगा और इसके लिए उन खिलाड़ियों पर जुर्माना भी लगा दिया गया.

असल में महिलाएं भले देश के लिए खेलती हैं लेकिन लोगों की नजरें खेल के साथ उनके कपड़ों पर जाकर टिक जाती हैं. जब तक लोग अपनी सोच को नहीं बदलेंगे तब तक उनकी नजरें महिला खिलाड़ियों के खेल पर कहां जाएंगी. लोग चाहते हैं कि महिला खिलाड़ी इनके हिसाब से जिंदगी जीएं.

अजीब बात है लोगों को महिलाओं के शॉर्ट्स पहनने पर भी परेशानी है और फुल बॉडी शूट पहनने पर भी. आखिर महिला खिलाड़ियों को सेक्शुअल नजरों से क्यों देखा जाता है. चलिए बताते हैं कि क्यों ओलंपिक जैसे बड़े स्पोर्ट इंवेंट में महिला खिलाड़ियों का पहनावा चर्चा का विषय क्यों है…

महिलाओं के पूरे कपड़े पहनने पर भी लोगों को दिक्कत है

दरअसल, नॉर्वे की बीच हैंडबॉल टीम ने स्पेन के खिलाफ मैच में अपनी सेट यूनिफॉर्म यानी स्पोर्ट्स ब्रा और बिकिनी बॉटम्स की जगह पुरुष खिलाड़ियों की तरह शॉर्ट्स और टीशर्ट्स पहनी. इस वजह से यूरोपीय हैंडबॉल फेडरेशन ने इन महिला खिलाड़ियों पर 1770 डॉलर का जुर्माना लगा दिया.

फेडरेशन का कहना था कि खिलाड़ियों ने यूनिफॉर्म के नियम को तोड़े हैं जिसे इंटरनेशनल हैंडबॉल फेडरेशन ने तय किया है. फेडरेशन सिर्फ यूनिफॉर्म पर ही नहीं बल्कि यह भी तय करती है कि उसका नाप क्या होगा. सोचिए महिला खिलाड़ियों ने जांघ से कट होने वाले छोटे कपड़े नहीं पहने तो उनके उपर जुर्माना लगा दिया गया.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here