पर्यटकों पर चेतावनी को नजरंदाज करना पड़ रहा भारी, तीन माह में 11 लोग गंगा में डूबे
ऋषिकेश। Ganga Ghat Incidents तीर्थनगरी ऋषिकेश के मुनिकीरेती और लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र में पर्यटकों के डूबने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। पर्यटक पुलिस और प्रशासन की चेतावनी को नजरअंदाज कर गंगा के खतरनाक घाटों पर स्नान कर रहे हैं, जो उनकी जान पर भारी पड़ रहा है।
तीर्थनगरी आने वाले पर्यटक अक्सर गंगा तटों पर स्नान और रेतीले घाटों पर घूमने का भी शौक रखते हैं। जिसके लिए वह एकांत और सुनसान घाटों का रुख करते हैं। मगर, यह जितने सुंदर दिखते हैं उतने ही खतरनाक भी हैं। दरअसल यहां सतह पर पानी का बहाव बेहद धीमा प्रतीत होता है, मगर सतह के नीचे बहाव बेहद तेज होता है। कई स्थानों पर घाटों पर गहरी चट्टानें और तेज भंवर हैं, जिन्हें सामान्य रूप से महसूस नहीं किया जा सकता।
कई बार गंगा में टिहरी व श्रीनगर डैम से छोड़े जाने वाले पानी से भी जलस्तर में अचानक वृद्धि हो जाती है और कुछ ही मिनटों में गंगा का घाट दिखने वाला क्षेत्र टापू की शक्ल ले लेता है। गंगा के घाटों के इस स्वभाव से अपरिचित पर्यटक कई बार इन घाटों पर नहाने की भूल कर बैठते हैं, जो उनके जीवन पर भारी पड़ जाता है। अभी तक सैकड़ों पर्यटक इन घाटों पर अपनी जान गंवा बैठे हैं।
मुनिकीरेती और लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र में कुछ पक्के घाट ही स्नान की दृष्टि से सुरक्षित हैं। यहां स्नान के लिए जंजीरें लगी हैं और घाट भी अधिक गहरे नहीं हैं। मगर, इनके अलावा अधिकांश घाट खतरे से भरे हैं, जहां अक्सर प्रतिबंध के बावजूद पर्यटक जाने-अनजाने में पहुंच ही जाते हैं। लक्ष्मणझूला क्षेत्र में मस्तराम बाबा घाट, किरमोला घाट, नाव घाट, बांबे घाट, गोवा बीच, गरूड़ चट्टी, फूल चट्टी घाट जबकि मुनिकीरेती क्षेत्र में नाव घाट, तपोवन, नीम बीच, बह्मपुरी व शिवपुरी के गंगा घाटों पर अक्सर पर्यटकों के डूबने की घटनाएं सामने आती हैं।