करनाल सहित इन जिलों में किसानों की महापंचायत से पहले मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद, धारा 144 लागू

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हरियाणा सरकार ने 28 अगस्त के पुलिस लाठीचार्ज को लेकर किसानों की महापंचायत और मिनी सचिवालय के घेराव की योजना के एक दिन पहले सोशल मीडिया के जरिए “गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार पर काबू ” के लिए करनाल जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने का सोमवार को आदेश दिया. आदेश के अनुसार, करनाल जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं सोमवार दोपहर 12:30 बजे से लेकर मंगलवार मध्यरात्रि तक बंद रहेंगी.

हरियाणा सरकार ने कहा कि करनाल में किसान महापंचायत के मद्देनजर करनाल के अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और पानीपत में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं कल निलंबित रहेंगी ताकि “भड़काऊ सामग्री और अफवाहों के प्रसार” पर अंकुश लगाया जा सके. बता दें कि किसानों पर 28 अगस्त को हुए पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ करनाल में मंगलवार को ‘लघु सचिवालय’ का घेराव करने के कार्यक्रम से एक दिन पहले प्रशासन ने जिले में सोमवार को लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है. अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया.

गौरतलब है कि हरियाणा पुलिस ने 28 अगस्त को भाजपा की एक बैठक में जा रहे नेताओं का विरोध करते हुए एक राष्ट्रीय राजमार्ग पर कथित तौर पर यातायात बाधित करने वाले किसानों के एक समूह पर लाठीचार्ज किया था. इसमें 10 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे.

हरियाणा पुलिस द्वारा जारी एक परामर्श अनुसार, मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 (अंबाला-दिल्ली) पर गलवार को करनाल जिले में कुछ यातायात व्यवधान हो सकता है. ‘‘इसलिए, एनएच-44 का उपयोग करने वाले लोगों को सलाह दी जाती है कि वे करनाल शहर की यात्रा करने से बचें या सात सितंबर को अपने गंतव्य तक जाने के लिए वैकल्पिक रास्तों का उपयोग करें.’’

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने कहा कि लघु सचिवालय के घेराव के आह्वान को देखते हुए व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं. उन्होंने कहा कि इन व्यवस्थाओं का प्राथमिक मकसद शांति व्यवस्था कायम रखना, किसी भी तरह की हिंसा को रोकना, यातायात और सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के कामकाज को सुगम बनाना तथा पूरे राज्य में, खासकर करनाल में सरकारी संपत्ति की सुरक्षा करना है.

विर्क ने कहा कि करनाल रेंज के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को करनाल और आसपास के जिलों में कानून-व्यवस्था तथा शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने और नागरिकों की सुरक्षा करने के लिए सभी उपाय किए जाएंगे.

विर्क ने कहा कि सभी नागरिकों को इन व्यवस्था के बारे में पहले से सूचित किया जा रहा है ताकि वे किसी भी असुविधा से बचने के लिए अपनी यात्रा की योजना में बदलाव कर सकें. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

कृषि कानूनों का विरोध कर रहे विभिन्न किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर सात सितंबर को करनाल में लघु सचिवालय का घेराव करने की चेतावनी दी है. हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने सोमवार को कहा कि मंगलवार को यहां एक विशाल पंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसके बाद किसान लघु सचिवालय का घेराव करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘ किसान मंगलवार सुबह करनाल की नयी अनाज मंडी में एकत्रित होंगे.’’

एसकेएम ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी आयुष सिन्हा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है. सिन्हा कथित तौर पर एक टैप में पुलिस कर्मियों को प्रदर्शन कर रहे किसानों को ‘‘सिर तोड़ने’’ की बात कहते सुनाई दे रहे हैं. संगठन ने सिन्हा को बर्खास्त करने की भी मांग की है.

हरियाणा सरकार ने बुधवार को करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा सहित 19 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया. सिन्हा को अब नागरिक संसाधन सूचना विभाग में अतिरिक्त सचिव के रूप में तैनात किया गया है.

चढूनी ने पहले भी लाठीचार्ज में शामिल लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी. उन्होंने करनाल में लाठीचार्ज में कथित रूप से घायल होने के बाद जान गंवाने वाले हुए एक किसान के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की थी. हालांकि प्रशासन का कहना है कि किसान की मौत पुलिस की कार्रवाई से नहीं बल्कि दिल का दौरा पड़ने से हुई.

 

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